-सुशील चौहान
उत्तराखण्ड : जसपुर कोतवाली अंतर्गत गांव मंडुवा खेड़ा में एक युवक ने बेरहमी से अपनी पत्नी की निर्मम हत्या कर दी थी और फरार हो गया था । पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर नीम हत्याकांड का खुलासा करने में सफलता प्राप्त कर ली।
जनपद उधम सिंह नगर की जसपुर कोतवाली अंतर्गत गांव मंडुवा खेड़ा निवासी राहुल पुत्र दलीप सिंह ने 31.5. 2025 की रात्रि में बेरहमी से अपनी पत्नी नीमा की गला व हाथ-पैर काट कर निर्मम हत्या कर दी थी और फरार हो गया था । 

घटना की सूचना मिलने पर मंडुवा खेड़ा घटनास्थल पर पहुंचे मृतका के मायके वालों में भारी आक्रोश था । उन्होंने तुरंत आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर हंगामा किया किया था। पुलिस ने ठोस कार्रवाई करते का आश्वासन देकर किसी तरह उन्हें शांत कर दिया था । 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधम सिंह नगर मणिकान्त मिश्रा ने महिला की निर्मम हत्या का त्वरित संज्ञान लेकर जसपुर कोतवाली पहुंच कर प्रभारी निरीक्षक जगदीश सिंह ढकरियाल से बारीकी से घटना की जानकारी ली थी और उन्हें त्वरित कठोर कार्यवाही करने का सख्त आदेश दिया था । घटना की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक क्राईम निहारिका तोमर,पुलिस अधीक्षक काशीपुर अभय प्रताप सिंह, क्षेत्राधिकारी काशीपुर दीपक सिंह ने भी नीमा हत्याकांड के खुलासे हेतु कोतवाली जसपुर पुलिस से साक्ष्य संकलन, पंचायतनामा कार्यवाही, सुरागरसी पतारसी , सीसीटीवी कैमरों की फुटेज का अवलोकन करने के निर्देश दिए व विवेचनात्मक कार्यवाही हेतू 5 टीमों का गठन किया गया ।
उपरोक्त प्रकरण में मृतका के पिता श्री नन्हे सिंह पुत्र शिवनाथ सिंह निवासी इमरतपुर थाना रेहड़, बिजनौर, उत्तर प्रदेश की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ कोतवाली जसपुर में धारा 103(1) BNS के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया ।
जसपुर पुलिस टीम द्वारा मुखबिर की सूचना पर नामजद अभियुक्त राहुल को गढ़ी हुसैन, जसपुर से हाईवे को जाने वाली सड़क से गिरफ्तार कर लिया । थाने लाकर उससे पत्नी की जघन्य हत्या किए जाने के सम्बन्ध में विस्तृत पूछताछ की गई । एसएससी ऊधम सिंह नगर मणिकान्त मिश्रा 1 जून 2025 को जसपुर कोतवाली पहुंचे व आरोपी राहुल से विस्तार से पूछताछ कर प्रभारी निरीक्षक को अभियुक्त के विरुद्ध गहनता से महत्वपूर्ण साक्ष्य संकलन कर कठोर कार्यवाही किये जाने हेतु आदेशित किया गया था।
एस एस पी से आदेश मिलने के उपरान्त प्रभारी निरीक्षक द्वारा मय पुलिस टीम के आरोपी राहुल से विस्तृत पूछताछ की औ उसकी निशानदेही पर उसके घर से धार दार चाकू, डेंट लगा कुकर व ईंट का टुकड़ा बरामद किया गया ।
पुलिस द्वारा आरोपी से पूछताछ व विवेचना दौरान नीमा हत्या कांड के कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आये । राहुल ने पुलिस द्वारा की गई गहन पूछताछ में बताया गया कि राहुल को अपनी पत्नी नीमा देवी का प्लाई फैक्ट्री में काम करने के लिए जाना पसन्द नहीं था । पति-पत्नी के बीच इस बात को लेकर आये दिन झगडा होता था । राहुल को अपनी पत्नी पर शक था कि वो फैक्ट्री में किसी दूसरे आदमी से रिश्ता रखती थी । इसी शक के कारण दिनांक 31.05.25 की रात में करीब 10-11 बजे दोनों के बीच झगडा हो गया था और राहुल ने कुकर उठाकर अपनी पत्नी नीमा के सिर पर पूरी ताकत से वार कर दिया । सिर पर कुकर लगने से जब नीमा देवी हल्ला करने लगी तो राहुल नै नीमा देवी के सिर में ईंटा मार दिया । जिससे नीमा फर्श पर गिर गई । नीमा ने जब बचाओ-बचाओ करके चिल्लाना शुरु किया तो राहुल ने नीमा देवी को चुप कराने के लिए उसके मुंह पर मुक्के मार-मार कर उसे बेहोश कर अधमरा कर दिया । राहुल ने नीमा देवी को अधमरा करने के बाद पुरे होश हवाश में धार दार चाकू से नीमा देवी का गला रेता । उसके बाद दोनो हाथ रेतकर नसें काट दीं और उसके बाद दोनो पांव भी चाकू से रेत दिये । जिससे उसकी मौत हो गई ।
आरोपी से बरामदगी:
1- खून आलूदा फर्श के टुकडे
2- खून आलूदा धार दार चाकू
3- खून आलूदा डेंट लगा कुकर
4- खून आलूदा ईंट का टुकडा
5- खून आलूदा अभियुक्त की जीन्स पेंट और टीशर्ट
पुलिस टीम:

1- जगदीश सिंह ढकरियाल -प्रभारी निरीक्षक कोतवाली जसपुर
2- एस आई सत्यप्रकाश रायपा फोरंसिक फील्ड यूनिट प्रभारी रुद्रपुर
3- एस एस आई जावेद मलिक
4- एस आई धीरज टम्टा
5- एस एस आई रुचिका चौहान
6- एस एस आई हरीश आर्य
7- एस आई संजय सिंह
8- हेड कांस्टेबल प्रकाश लोहिया
9- हेड कांस्टेबल वीरेन्द्र कुमार
10- कांस्टेबल अरुण कुमार
11- कांस्टेबल जाकिर हुसैन
12- महिला कांस्टेबल सीमा आर्य
13- महिला कांस्टेबल भगवती
14- कांस्टेबल बच्ची राम
15- कांस्टेबल जगदेव सिंह
16- महिला कांस्टेबल खष्टी आर्य
यदि बच्चे मौजूद होते तो बच सकती थी नीमा की जान
उत्तराखण्ड: राहुल अपनी पत्नी नीमा की हत्या करने से एक दिन पहले ही अपनी पत्नी को साथ ले जाकर अपने दोनों बच्चों 8 वर्षीय पुत्री नेहा व 6 वर्षीय पुत्र लव को जून की छुट्टियों के बहाने अपनी ससुराल इमरत पुर छोड़ आया था ।
यदि घटना के समय बच्चे मौजूद होते तो उनकी मां की जान बच सकती थी । मां की जान जान से बेचारे इन मासूम बच्चों से उनकी मां की ममता छिन गई । मां की हत्या के बाद इनं मासूम बच्चों को उनके नानी-नाना अपने साथ ले गए ।
यदि घटना के समय बच्चे मौजूद होते तो उनकी मां की जान बच सकती थी । मां की जान जान से बेचारे इन मासूम बच्चों से उनकी मां की ममता छिन गई । मां की हत्या के बाद इनं मासूम बच्चों को उनके नानी-नाना अपने साथ ले गए ।