पौराणिक व ऐतिहासिक मंदिर तीरथ मंदिर पर किया गया वार्षिक मेले का आयोजन, दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने श्रद्धा के साथ मंदिर में चढ़ाया प्रसाद और टेका माथा,की पूजा-अर्चना, सरोवर में किया स्नान, किया गया विशाल भंडारे का आयोजन, विधायक ने जनता के साथ बैठकर किया भोजन 

-सुशील चौहान 
उत्तराखण्ड: जनपद उधम सिंह नगर के प्रमुख क्षेत्र जसपुर के भोगपुर डाम के क्षेत्र के गांव तीरथ नगर में पौराणिक व ऐतिहासिक मंदिर तीरथ मंदिर स्थित है । जो काफी प्राचीन है। गौरतलब है कि यह  मंदिर जंगल क्षेत्र में दुर्गम स्थान पर स्थित है। इस मंदिर का बहुत पुराना इतिहास है । इस मंदिर पर हर वर्ष 2 जून को वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है। इस बार भी इस ऐतिहासिक मंदिर पर 2 जून 2025 को हर वर्ष की भांति वार्षिक मेले का आयोजन किया गया।  ऐतिहासिक मंदिर पर लगने वाले वार्षिक मेले में आसपास के क्षेत्र व उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्र के श्रद्धालुओं के अलावा दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं ने भी मेले में पहुंच कर श्रद्धा के साथ मंदिर में प्रसाद चढ़ाया और माथा टेका तथा पूजा-अर्चना की । जसपुर के युवा भाजपा नेता महेश सिंह प्रजापति ने भी ऐतिहासिक मंदिर में प्रसाद चढ़ाया  व श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की । श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक मंदिर के पास बने सरोवर में स्नान कर श्रद्धा की डुबकी लगाई । इस मेले में दूर-दूर के व दूसरे राज्यों के संत महात्मा भी पहुंचे । इस मौके पर मंदिर पर हर वर्ष की भांति विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया । जिसमें श्रद्धालुओं ने प्रसाद रूपी भोजन ग्रहण किया ।
भंडारे में जनता के साथ नीचे बैठकर किया विधायक आदेश चौहान ने भोजन 
खास बात यह रही की क्षेत्रीय विधायक आदेश सिंह चौहान ने भंडारे में जनता के साथ नीचे बैठ कर भोजन ग्रहण किया। भंडारे में जनता के साथ नीचे बैठकर भोजन किए जाने का दृश्य आकर्षण का केंद्र बना रहा है ।
पिछले कई दिनों से चल रही थी मेले की तैयारी 
तीरथ मंदिर कमेटी के पदाधिकारी पिछले कई दिनों से मंदिर पर लगने वाले वार्षिक मेले की तैयारी में जुटे हुए थे । उनके द्वारा की गई मेले की तैयारी मेले के सफल आयोजन में सहायक रही । लोग अपने-अपने दुपहिया व चौपहिया वाहनों से जंगल के कच्चे व ऊबड़-खाबड़  रास्ते से होते हुए मेले में पहुंचे । जो उनकी आस्था का परिचायक है । श्रद्धालुओं की आस्था ही उन्हें दुर्गम स्थान स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर तक खींचकर ले जाती है । दुर्गम स्थान पर होने के बावजूद मंदिर पर लगने वाले मेले व आयोजित होने वाले भंडारे में श्रद्धालुओं भारी भीड़ देखी ।