जसपुर क्षेत्र के गांव अमिया वाला में किशोरी के साथ बलात्कार कर नृशंस हत्या किए जाने वाली सनसनीखेज घटना का खुलासा,एसएसपी के कुशल नतृत्व व डॉग स्क्वायड की मदद से मात्र 12 घंटे में मिली पुलिस को सफलता, बच्चे की रोने की आवाज बनी पुलिस का हथियार,जसपुर पुलिस ने 12 घंटे के भीतर किया सनसनीखेज वारदात का पर्दाफाश, आरोपी की निशानदेही पर खून से सना ब्लेड और कपड़े बरामद

-सुशील चौहान
उत्तराखण्ड : कोतवाली जसपुर, ऊधम सिंह नगर क्षेत्रांतर्गत ग्राम अमियावाला में 16 सितंबर 2025 को हुई एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे गांव व आसपास के क्षेत्र को हिला दिया। गाव की एक नाबालिग किशोरी शाम के समय पशुओं के लिए गन्ने का छिलका लेने घर से निकली थी। लेकिन इसी दौरान गांव का ही युवक राजीव पुत्र मोहन सिंह (उम्र 20 वर्ष) उसकी हरकतों पर नज़र रखे हुए था। मौका पाकर आरोपी किशोरी के पीछे-पीछे खेत तक गया और उसे जबरन अंदर खींच ले गया। आरोपी ने पहले किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। जब बच्ची ने विरोध किया तो उसने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं उसका हाथ मरोड़कर तोड़ दिया, गला दबाकर बेहोश किया और फिर धारदार ब्लेड से चेहरे व पेट पर कई वार कर उसकी हत्या कर दी। मृतका का शव घर से मात्र 150 मीटर दूर गन्ने के खेत में बरामद हुआ। मासूम बच्ची की निर्मम हत्या से मृतका के परिवार व गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए तत्काल कठोर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मृतका की मां की तहरीर पर कोतवाली जसपुर में एफआईआर संख्या 405/25, धारा 103(1)/64(1) BNS व पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया ।
घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री मणिकान्त मिश्रा ने तत्काल संज्ञान लिया और घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने वारदात का जल्द से जल्द अनावरण करने के लिए 10 पुलिस टीमों का गठन किया और उन्हें सख्त निर्देश दिए कि अपराधी किसी भी हाल में बच न पाए ।
पुलिस अधीक्षक अपराध सुश्री निहारिका तोमर, पुलिस अधीक्षक काशीपुर अभय प्रताप सिंह व पुलिस उपाधीक्षक काशीपुर दीपक सिंह के नेतृत्व में गठित टीमों ने फोरेंसिक विशेषज्ञों, मोबाइल फील्ड यूनिट और डॉग स्क्वॉड की मदद से साक्ष्य जुटाए। डॉग स्क्वॉड का “ डॉग टाइगर ” घटनास्थल से सीधे मृतका के घर पहुँचा और उसके बाद आरोपी के घर जाकर उसके कपड़ों को सूंघकर (पहचान कर) इंडिकेट किया। यह सुराग जांच में निर्णायक साबित हुआ।
 आरोपी ने अपने दोस्तों व परिवार वालों को बताया था कि पास वाले गन्ने के खेत से बच्चे के रोने की आवाज आ रही है,परन्तु घटनास्थल की दूरी लगभग 150 मीटर गन्ने के खेत में थी, जहां से आवाज का आना संभव नहीं था।

पुलिस ने गाव में डोर-टू-डोर पूछताछ की। उन युवकों की लिस्ट तैयार की गई जो पहले आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे थे या थाने में लाए गए थे। बाहरी लोगों की गतिविधियों पर भी नज़र डाली गई। इसी दौरान राजीव पर पुलिस का शक गहराया। उसका व्यवहार और बयान बदलते रहना संदेहास्पद लगा।

जब आरोपी को हिरासत में लेकर सघन पूछताछ की गई तो पहले वह बचने की कोशिश करता रहा, लेकिन वैज्ञानिक साक्ष्यों और प्रत्यक्ष प्रमाणों के सामने टूट गया और उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
आरोपी ने कबूल किया कि बच्ची को खेत में अकेला पाकर उसने दुष्कर्म किया और पहचान उजागर होने के डर से हत्या कर दी। इतना ही नहीं, घटना के बाद आरोपी गांव में लोगों को भड़काने और मामले को दूसरी दिशा देने की भी कोशिश करता रहा।
आरोपी राजीव की निशानदेही पर पुलिस ने घटनास्थल व उसके घर से महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए
1. खून से सना धारदार ब्लेड
2. घटना के समय पहने खून आलूदा कपड़े
3. गन्ने के खेत से बरामद अन्य फोरेंसिक साक्ष्य
गिरफ्तार अभियुक्त 
राजीव पुत्र मोहन सिंह, निवासी ग्राम अमियावाला थाना जसपुर, उम्र 20 वर्ष
पुलिस ने बताया कि आरोपी राजीव पुत्र मोहन सिंह पर पूर्व में भी कोतवाली जसपुर में मुकदमा दर्ज है । यह मुकदमा दिनांक 19/08/2025 को एफआईआर संख्या 351/25 के तहत धारा 115(2)/351(2)/352 BNS के तहत पंजीकृत किया गया था। पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी ने अपने आप को घायल दिखाकर दूसरों को फंसाने की कोशिश की थी। पुलिस ने कहा कि इस मामले ने पुलिस की सतर्कता और अपराधियों की पहचान करने की क्षमता को उजागर किया।

कोतवाली जसपुर पुलिस ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री मणिकान्त मिश्रा के कुशल नेतृत्व और अधिकारियों की रणनीति के तहत मात्र 12 घंटे में नाबालिग से दुष्कर्म कर हत्या जैसे जघन्य अपराध का पर्दाफाश कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने एक ओर जहां मृतका के परिजनों को न्याय को दिलाया,वहीं ग्रामीणों के बीच पुलिस की साख और विश्वास और भी मजबूत हुआ । यह मामला पुलिस की सजगता, संवेदनशीलता और अपराध के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति का सशक्त उदाहरण है।
चौकी इंचार्ज धर्मपुर उपनिरीक्षक के.सी. आर्य ने बारीकी से सुराग खंगाले और गहनता से पूछताछ करते हुए वैज्ञानिक साक्ष्यों का इस्तेमाल किया। इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप मात्र 12 घंटों के भीतर ही शातिर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।
घटना का पर्दाफाश करने वाली पुलिस टीम 
घटना का खुलास करने में  क्षेत्राधिकारी काशीपुर दीपक सिंह,
प्रभारी निरीक्षक राजेन्द्र सिंह डांगी, इंस्पेक्टर रवि सैनी, इंस्पेक्टर हरेन्द्र चौधरी, एसओजी प्रभारी निरीक्षक  संजय पाठक, थाना प्रभारी कुन्दन सिंह रौतेला, प्रदीप कुमार मिश्रा
, रविन्द्र बिष्ट , फोरेंसिक फील्ड यूनिट प्रभारी सत्यप्रकाश रायपा साथ ही विवेचक म0उ0नि0 रुचिका चौहान व पुलिस कर्मी— व0नि0 जावेद मलिक, व0उ0नि0 अनिल जोशी, उ0नि0 के0सी0 आर्य, उ0नि120 गोविन्द सिंह मेहता, उ0नि0 इन्द्र सिंह ढेला, उ0नि0 संतोष देवरानी, उ0नि0 सुशील कुमार, उ0नि0 हरीश आर्य, हे0का0 नवीन प्रकाश, हे0का0 गणेश राम, का0 अरुण कुमार, का0 अब्दुल मलिक, का0 प्रविन्दर, का0 कुलदीप, का0 हेमचन्द्र फुलारा, का0 समीर, का0 कपिल, एसओजी-का0 कैलाश तोमक्याल, हे0का0 दीपक , हे0का0 रविन्द्र , का0 नीरज शुक्ला, का0 पंकज बिनवाल, काo राजेंद्र आदि ने अहम भूमिका निभाई।