…तो इस तरह उड़ रही हैं पशु क्रूरता अधिनियम की धज्जियां 

-सुशील चौहान 
उत्तराखण्ड: बेजुबान पशुओं को सुरक्षित रखने के लिए पशु क्रूरता अधिनियम बना हुआ है ,लेकिन इसके बावजूद बेजुबान पशु क्रूरता का शिकार शिकार हो रहे हैं। पशुपालकों द्वारा मानवता को ताक पर रखकर छोटे-छोटे पालतू पशुओं को को बेच दिया जाता है। उसके बाद पशु खरीदने वाले लोगों द्वारा उन्हें किस तरह बेरहमी से बांधकर ले जाया जाता है,उसका उदाहरण देखने को मिला । बेजुबान इन छोटे पशुओं को किस तरह बेरहमी से रस्से से बांधकर जिस तरह ले जाया जा रहा है । जिसके लिए पशु खरीदने वाले ही नहीं, बल्कि पशु बेचने वाले भी जिम्मेदार हैं पशु क्रूरता से कम नहीं है । एक प्रकार से यह कहा जा सकता है कि लोगों द्वारा ऐसा करके पर पशु क्रूरता अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रहे हैं । बेजुबान छोटे-छोटे पशुओं को खरीद कर ले जाए जाने का मानवता को झकझोर देने वाला यह दृश्य जसपुर,ऊसिंन से सीमावर्ती नगर ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश को जाने वाले मार्ग का जसपुर के पास का है । मानवता के आधार पर इस प्रकार की पशु क्रूरता को रोका जाना चाहिए । यह हम सबकी जिम्मेदारी बनती है । इस मामले में पशु प्रेमियों को आगे आना चाहिए । पशु क्रूरता पर अंकुश लग सकेगा ।