-सुशील चौहान
उत्तराखण्ड: समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत पीएम श्री विद्यालय नेहरू राजकीय इंटर कॉलेज महुआ डाबरा,जसपुर (ऊसिंन) ऊसिंन के जूनियर वर्ग के छात्र-छात्राओं ने एक्सपोजर विजिट किया ।
16 दिसंबर 2025 को पीएम श्री नेहरू राजकीय इंटर कॉलेज महुआ डाबरा के प्रधानाचार्य बृजमोहन लाल
ने हरी झंडी दिखाकर कॉलेज के जूनियर वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक्सपोजर विजिट के लिए रवाना किया और एक्सपोजर विजिट के महत्व पर प्रकाश डाला । छात्र-छात्राओं ने एक्सपोजर विजिट के तहत पौराणिक ऐतिहासिक स्थल द्रोणा सागर काशीपुर,मां बाल सुंदरी देवी मंदिर (चैती) और सूत मिल का शैक्षिक भ्रमण किया । इस दौरान विद्यार्थियों ने धार्मिक,पौराणिक जानकारी ली । भ्रमण के दौरान द्रोणा सागर काशीपुर में माता रूप किशोरी देवी सिद्ध पीठ मंदिर में तैनात पुरोहित मोहन चंद्र पपनै ने छात्र-छात्राओं को बताया कि पांडवों द्वारा ही यहां पर शिवलिंग स्थापित किया गया था। इसके अलावा पुरातन काल का किला, प्राचीन नीलकंठ महादेव का मंदिर, डमरू वाले बाबा का आश्रम व माता का सिद्ध पीठ है। इसके अलावा अन्य जानकारों ने बताया कि महाभारत के पाण्डवों ने अपने गुरु द्रोणाचार्य को गुरु दक्षिणा के रूप में तपस्या करनें के उद्देश्य से द्रोणा सागर को बनवाया था। इतना ही नहीं द्रोणा सागर का वर्णन ऐतिहासिक ,पौराणिक व आध्यात्मिक घटनाओं में भी किया जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहां पर्यटक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहां लेज़र शो म्यूजियम फाउंडेन बनाने की योजना है। जिसमें महाभारत काल की घटनाओं को दर्शाया जा सकें।उधर जानकारो का कहना है कि संत तुलसीदास, स्वामी दयानंद सरस्वती ने भी उक्त भूमि पर ध्यान किया था, और यह कभी बौद्ध संस्कृति का केंद्र भी रहा है। भ्रमण दल ने चैती मेले में मां बाल सुन्दरी देवी मंदिर का भी भ्रमण किया। शारीरिक शिक्षक राजेश चौधरी ने चैती मेले की महत्ता को बताते हुए कहा कि चैती मेला न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र है। यहां प्रतिवर्ष चैत्र मास के नवरात्रों में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है । मान्यता है कि यहां नव विवाहित जोड़े माता का आशीर्वाद लेने अवश्य पहुंचते हैं। इसके बाद विद्यार्थियों ने सिवांता स्पून टैंक प्रा० लिमिटेड सूत मिल, जसपुर (ऊसिंन) का भ्रमण किया। स्पीनिग मास्टर गनेश कुमार ने कपास से धागा बनने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि यहां के तैयार किए गए धागे राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के अलावा देश के सभी राज्यों व विदेश में भी निर्यात किए जाते हैं।

ने हरी झंडी दिखाकर कॉलेज के जूनियर वर्ग के छात्र-छात्राओं को एक्सपोजर विजिट के लिए रवाना किया और एक्सपोजर विजिट के महत्व पर प्रकाश डाला । छात्र-छात्राओं ने एक्सपोजर विजिट के तहत पौराणिक ऐतिहासिक स्थल द्रोणा सागर काशीपुर,मां बाल सुंदरी देवी मंदिर (चैती) और सूत मिल का शैक्षिक भ्रमण किया । इस दौरान विद्यार्थियों ने धार्मिक,पौराणिक जानकारी ली । भ्रमण के दौरान द्रोणा सागर काशीपुर में माता रूप किशोरी देवी सिद्ध पीठ मंदिर में तैनात पुरोहित मोहन चंद्र पपनै ने छात्र-छात्राओं को बताया कि पांडवों द्वारा ही यहां पर शिवलिंग स्थापित किया गया था। इसके अलावा पुरातन काल का किला, प्राचीन नीलकंठ महादेव का मंदिर, डमरू वाले बाबा का आश्रम व माता का सिद्ध पीठ है। इसके अलावा अन्य जानकारों ने बताया कि महाभारत के पाण्डवों ने अपने गुरु द्रोणाचार्य को गुरु दक्षिणा के रूप में तपस्या करनें के उद्देश्य से द्रोणा सागर को बनवाया था। इतना ही नहीं द्रोणा सागर का वर्णन ऐतिहासिक ,पौराणिक व आध्यात्मिक घटनाओं में भी किया जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा यहां पर्यटक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। जहां लेज़र शो म्यूजियम फाउंडेन बनाने की योजना है। जिसमें महाभारत काल की घटनाओं को दर्शाया जा सकें।उधर जानकारो का कहना है कि संत तुलसीदास, स्वामी दयानंद सरस्वती ने भी उक्त भूमि पर ध्यान किया था, और यह कभी बौद्ध संस्कृति का केंद्र भी रहा है। भ्रमण दल ने चैती मेले में मां बाल सुन्दरी देवी मंदिर का भी भ्रमण किया। शारीरिक शिक्षक राजेश चौधरी ने चैती मेले की महत्ता को बताते हुए कहा कि चैती मेला न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों का केंद्र है। यहां प्रतिवर्ष चैत्र मास के नवरात्रों में विशाल मेले का आयोजन किया जाता है । मान्यता है कि यहां नव विवाहित जोड़े माता का आशीर्वाद लेने अवश्य पहुंचते हैं। इसके बाद विद्यार्थियों ने सिवांता स्पून टैंक प्रा० लिमिटेड सूत मिल, जसपुर (ऊसिंन) का भ्रमण किया। स्पीनिग मास्टर गनेश कुमार ने कपास से धागा बनने की प्रक्रिया को विस्तार से समझाया। उन्होंने बताया कि यहां के तैयार किए गए धागे राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के अलावा देश के सभी राज्यों व विदेश में भी निर्यात किए जाते हैं।शैक्षिक भ्रमण दल में शारीरिक शिक्षक राजेश चौधरी, मोनिका, नीतू सैनी, नूतन चौहान, हरीश शर्मा, सरीस आलम, योगेश पंत, कालिका प्रसाद सुमन, उपेंद्र सिंह, नफीस अहमद, मनोज पाल, सोमपाल आदि शामिल रहे।