-सुशील चौहान
उत्तराखण्ड: जसपुर के एक रोडवेज बस चालक की दर्दनाक मौत हो गई। जिससे उसके परिवार में कोहराम मच गया ।
जानकारी के अनुसार आवास-विकास कालोनी,जसपुर निवासी करीब 40 वर्षीय रोडवेज बस चालक सुरजीत उर्फ मंगा पुत्र निरंजन सिंह
2 जुलाई 2025 को हल्द्वानी डिपो की रोडवेज बस को लेकर चंडीगढ़ से हल्द्वानी जा रहे थे,तभी नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी के पास उनकी बस में एक ट्रैक्टर ट्रॉली ने टक्कर मार दी । इस पर उन्होंने बस से उतर कर देखा और बस में टक्कर मार कर ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर भाग रहे चालक को रोकने का प्रयास किया । जिसके दौरान उसने बस चालक सुरजीत सिंह को कुचल दिया । जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई । ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़कर फरार हो गया । घटना का पता चलते ही उनके परिवार में कोहराम मच गया और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई । 3 जुलाई 2025 को गमगीन माहौल में उनकी अंत्येष्टि कर दी गई । उनके घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है ।
लोग उनके परिजनों का ढांढस बंधा रहे हैं । सुरजीत सिंह अपने पीछे रोती बिलखती पत्नी ब दो नाबालिक बच्चों को छोड़ गए । भारतीय किसान यूनियन व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके घर पर पहुंच कर गहरा शोक व्यक्त किया और शोक में डूबे परिजनों का ढांढस बंधाया। उन्होंने मांगा की कि उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा उनके पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए । क्योंकि उनका परिवार अनाथ हो गया है । उनके पास कोई रोजगार का साधन नहीं है। सुरजीत सिंह की नौकरी से ही परिवार भरण पोषण चल रहा था । इस मौके पर जसपुर के युवा भाकियू ब्लाक अध्यक्ष अमनप्रीत सिंह, जगजीत सिंह भुल्लर,हरविंदर सिंह, सुखदीप सिंह सहोता, हरदीप सिंह संधू तथा कांग्रेस कार्यकर्ता सुखवीर सिंह भुल्लर व डॉक्टर शुभचंद आदि मौजूद रहे ।
2 जुलाई 2025 को हल्द्वानी डिपो की रोडवेज बस को लेकर चंडीगढ़ से हल्द्वानी जा रहे थे,तभी नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी के पास उनकी बस में एक ट्रैक्टर ट्रॉली ने टक्कर मार दी । इस पर उन्होंने बस से उतर कर देखा और बस में टक्कर मार कर ट्रैक्टर ट्रॉली को लेकर भाग रहे चालक को रोकने का प्रयास किया । जिसके दौरान उसने बस चालक सुरजीत सिंह को कुचल दिया । जिससे उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई । ट्रैक्टर-ट्रॉली चालक ट्रैक्टर ट्रॉली छोड़कर फरार हो गया । घटना का पता चलते ही उनके परिवार में कोहराम मच गया और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई । 3 जुलाई 2025 को गमगीन माहौल में उनकी अंत्येष्टि कर दी गई । उनके घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है ।
लोग उनके परिजनों का ढांढस बंधा रहे हैं । सुरजीत सिंह अपने पीछे रोती बिलखती पत्नी ब दो नाबालिक बच्चों को छोड़ गए । भारतीय किसान यूनियन व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके घर पर पहुंच कर गहरा शोक व्यक्त किया और शोक में डूबे परिजनों का ढांढस बंधाया। उन्होंने मांगा की कि उत्तराखंड परिवहन निगम द्वारा उनके पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए । क्योंकि उनका परिवार अनाथ हो गया है । उनके पास कोई रोजगार का साधन नहीं है। सुरजीत सिंह की नौकरी से ही परिवार भरण पोषण चल रहा था । इस मौके पर जसपुर के युवा भाकियू ब्लाक अध्यक्ष अमनप्रीत सिंह, जगजीत सिंह भुल्लर,हरविंदर सिंह, सुखदीप सिंह सहोता, हरदीप सिंह संधू तथा कांग्रेस कार्यकर्ता सुखवीर सिंह भुल्लर व डॉक्टर शुभचंद आदि मौजूद रहे ।